उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले में हुए चर्चित चंदन हत्याकांड में अदालत ने 6 साल बाद अपना फैसला सुनाया है। कोर्ट ने इस मामले में 28 आरोपियों को दोषी करार दिया है। यह घटना 26 जनवरी 2018 को गणतंत्र दिवस के मौके पर तिरंगा यात्रा के दौरान हुई थी, जिसने सांप्रदायिक तनाव को जन्म दिया था।
घटना के समय तिरंगा यात्रा निकालने के दौरान दो समुदायों के बीच विवाद बढ़ गया था। इस विवाद ने हिंसक दंगे का रूप ले लिया और 22 वर्षीय चंदन गुप्ता की गोली लगने से मौत हो गई। चंदन की मौत के बाद पूरे कासगंज में दंगे भड़क गए थे, जिसके कारण कई दिनों तक कर्फ्यू लगाना पड़ा।
कोर्ट का फैसला:
मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 28 लोगों को दोषी पाया।
- मुख्य आरोपी: कोर्ट ने मुख्य आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
- अन्य आरोपी: शेष दोषियों को भी कड़ी सजा दी गई है।
- सजा का उद्देश्य: कोर्ट ने इसे समाज में शांति बनाए रखने के लिए एक अहम फैसला बताया।
चंदन के परिवार ने अदालत के फैसले पर संतोष व्यक्त किया। चंदन के पिता ने कहा, “हमने 6 साल तक न्याय का इंतजार किया और आज हमें राहत मिली है। यह फैसला उन लोगों के लिए सबक है जो समाज में नफरत फैलाते हैं।”
दंगे की शुरुआत:
घटना के दिन तिरंगा यात्रा के दौरान धार्मिक नारों को लेकर दोनों पक्षों में कहासुनी हुई। विवाद ने तेजी से हिंसा का रूप लिया, जिसमें कई दुकानों और वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। चंदन गुप्ता की हत्या के बाद स्थिति और बिगड़ गई।
सुरक्षा व्यवस्था:
दंगे के बाद पुलिस ने सख्त कदम उठाते हुए सैकड़ों लोगों को हिरासत में लिया था।
- कर्फ्यू: घटना के बाद कई दिनों तक कासगंज में कर्फ्यू लगा रहा।
- जांच प्रक्रिया: पुलिस और एसआईटी ने मिलकर मामले की जांच की और आरोपियों को गिरफ्तार किया।
समाज पर प्रभाव:
इस घटना ने पूरे राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द्र को गहरा आघात पहुंचाया। हालांकि, न्यायालय के इस फैसले से उम्मीद की जा रही है कि ऐसी घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी।
फैसले का महत्व:
यह फैसला न्याय प्रक्रिया में विश्वास को मजबूत करता है और समाज में शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने का संदेश देता है।