कर्तव्यपथ

अब कॉलेज और यूनिवर्सिटी देंगे रोजगार की गारंटी: यूजीसी का नया ड्राफ्ट जारी, जानें छात्रों को कैसे मिलेगा फायदा

यूजीसी ने एक नया ड्राफ्ट जारी किया है, जिसमें कॉलेज और यूनिवर्सिटी को न केवल डिग्री देने बल्कि छात्रों को रोजगार के अवसर प्रदान करने की जिम्मेदारी दी गई है। यह कदम भारतीय शिक्षा प्रणाली में बड़ा बदलाव ला सकता है।

भारतीय शिक्षा प्रणाली में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने हाल ही में एक नया ड्राफ्ट जारी किया है, जिसमें यह प्रस्ताव रखा गया है कि अब कॉलेज और यूनिवर्सिटी को अपने छात्रों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी भी लेनी होगी।

क्या है नया ड्राफ्ट?

यूजीसी के इस ड्राफ्ट के अनुसार, कॉलेज और यूनिवर्सिटी को न केवल छात्रों को कुशल शिक्षा प्रदान करनी होगी, बल्कि उनके लिए रोजगार के अवसर भी सुनिश्चित करने होंगे। इस पहल का उद्देश्य छात्रों को शिक्षा के साथ-साथ उद्योग की जरूरतों के अनुसार तैयार करना है।

ड्राफ्ट में यह भी कहा गया है कि हर शैक्षणिक संस्थान को इंडस्ट्री और कंपनियों के साथ साझेदारी करनी होगी ताकि छात्रों को इंटर्नशिप और प्लेसमेंट के बेहतर विकल्प मिल सकें।

क्यों जरूरी है यह कदम?

भारत में हर साल लाखों छात्र ग्रेजुएशन और पोस्ट-ग्रेजुएशन करते हैं, लेकिन उनमें से कई रोजगार पाने में असफल रहते हैं। इसका मुख्य कारण है शिक्षा और रोजगार के बीच की खाई। यूजीसी का यह नया कदम इस खाई को पाटने के उद्देश्य से लिया गया है।

छात्रों को कैसे होगा फायदा?

  1. रोजगार की गारंटी: छात्रों को अपनी डिग्री के बाद नौकरी के लिए संघर्ष नहीं करना पड़ेगा।
  2. कौशल विकास: शैक्षणिक संस्थान छात्रों को उन कौशलों से लैस करेंगे जो वर्तमान उद्योग की मांग के अनुसार हैं।
  3. इंटर्नशिप के अवसर: छात्रों को अपने कोर्स के दौरान ही इंटर्नशिप के अवसर मिलेंगे।
  4. कंपनियों के साथ साझेदारी: कॉलेज और यूनिवर्सिटी उद्योगों के साथ समझौता करेंगे, जिससे छात्रों को प्लेसमेंट में मदद मिलेगी।

शैक्षणिक संस्थानों की जिम्मेदारी

यूजीसी ने स्पष्ट किया है कि हर संस्थान को एक प्लेसमेंट सेल बनाना होगा, जो छात्रों और कंपनियों के बीच सेतु का काम करेगा। यह सेल छात्रों की जरूरतों और उनकी क्षमताओं के अनुसार उन्हें रोजगार दिलाने में मदद करेगा।

उद्योगों का योगदान

यूजीसी ने इंडस्ट्री को भी इस पहल में शामिल होने के लिए प्रेरित किया है। कंपनियां अब कॉलेज और यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर छात्रों को ट्रेनिंग और रोजगार के लिए तैयार करेंगी।

सरकार का रुख

इस पहल को लेकर सरकार ने भी सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। शिक्षा मंत्रालय ने इसे आत्मनिर्भर भारत मिशन की दिशा में एक बड़ा कदम बताया है।

विशेषज्ञों की राय

शिक्षाविद और विशेषज्ञ इस कदम को भारतीय शिक्षा प्रणाली में बड़ा सुधार मान रहे हैं। उनका कहना है कि यह पहल न केवल छात्रों को रोजगार दिलाने में मदद करेगी, बल्कि भारत की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देगी।

छात्रों की प्रतिक्रिया

छात्रों ने इस पहल का स्वागत किया है। सोशल मीडिया पर कई छात्रों ने इसे "शिक्षा में क्रांति" करार दिया है।

आगे की प्रक्रिया

यूजीसी ने सभी शैक्षणिक संस्थानों से इस ड्राफ्ट पर सुझाव मांगे हैं। अंतिम नीति 2025 के मध्य तक लागू होने की उम्मीद है।