नई दिल्ली: भारतीय सेना के प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बयान दिया, जिसमें उन्होंने गलवान घाटी में हुए संघर्ष और चीनी सीमा पर सुरक्षा स्थिति को लेकर भारतीय सेना की रणनीति पर अपने विचार साझा किए। जनरल द्विवेदी ने कहा कि गलवान घाटी में जो कुछ भी हुआ, वह भारतीय सेना के लिए एक कठिन और दुःखद अनुभव था, और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि ऐसी घटना फिर से न हो।
गलवान घाटी संघर्ष का संदर्भ
गलवान घाटी में जून 2020 में हुई हिंसक झड़प ने भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच सीमा पर तनाव को और बढ़ा दिया था। इस संघर्ष में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे, जबकि चीनी सैनिकों की संख्या के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई। यह घटना भारत-चीन सीमा पर एक गंभीर मोड़ थी और इसे दोनों देशों के रिश्तों के लिए एक कड़ा संदेश माना गया था।
सेना प्रमुख का बयान
जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा, "हमारी सेना ने गलवान में जो कुछ भी देखा, वह बेहद कठिन था, लेकिन हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि ऐसी घटनाएं भविष्य में न हों। हमारी सेना पूरी तरह से तैयार है और हमें यह यकीन है कि हम किसी भी स्थिति का सामना करने में सक्षम होंगे।" उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय सेना चीनी सीमा पर अपनी स्थिति को मजबूत कर रही है और हम किसी भी प्रकार के उकसावे का जवाब देने के लिए तैयार हैं।
भारत की रणनीति: पूरी तैयारियां और सतर्कता
जनरल द्विवेदी ने भारतीय सेना की सामरिक तैयारियों को लेकर स्पष्ट किया कि भारतीय सेना ने चीनी सीमा पर अपनी सुरक्षा को और भी मजबूत किया है। उन्होंने कहा कि सेना ने सैन्य अभ्यास, सुरक्षा बलों का आधुनिकीकरण, और तकनीकी उपकरणों का निर्माण किया है, ताकि गलवान घाटी जैसी घटनाओं को रोका जा सके। इसके अलावा, भारतीय सेना ने अपनी जमीनी स्थिति को और मजबूत किया है, ताकि किसी भी प्रकार के खतरे से निपटा जा सके।
भारत-चीन संबंधों पर विचार
भारत और चीन के बीच सीमा पर तनावपूर्ण स्थिति के बावजूद, जनरल द्विवेदी ने कहा कि भारत अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए शांति बनाए रखने के लिए तैयार है। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों के बीच बातचीत और संवाद के माध्यम से सीमा पर शांति स्थापित करने की कोशिशें जारी रहेंगी, लेकिन भारत को अपनी सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करना है।
जनरल उपेंद्र द्विवेदी के इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि भारतीय सेना गलवान घाटी जैसी घटनाओं को दोहराने की किसी भी स्थिति में नहीं होने देगी। भारतीय सेना की पूरी तैयारी है कि वह चीनी सीमा पर किसी भी प्रकार के संघर्ष का मुंहतोड़ जवाब दे। भारत अपनी संप्रभुता और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए किसी भी तरह के दबाव के सामने नहीं झुकेगा।