Anant Chaturdashi 2024: भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर अनंत सुख देने वाला अनंत चतुर्दशी का व्रत किया जाता है. मान्यता है सालभर में इस दिन श्रीहरि (Vishnu ji) की पूजा कर ली जाए तो 14 साल तक अनंत फल प्राप्त होता है. पौराणिक कथा माने तो पांडवों को भी इस व्रत के प्रताप से खोया राजपाठ मिला था। इस साल अनंत चतुर्दशी 17 सितंबर 2024 को है। ऐसे में आइए जानते है कि अनंत चतुर्दशी क्यों मनाई जाती है, इस दिन का महत्व और कथा।
अनंत चतुर्दशी व्रत कथा
पौराणिक कथा के अनुसार प्राचीन काल में सुमंत नाम का एक ब्राह्मण अपनी पुत्री दीक्षा और सुशीला के साथ रहता था। जब सुशीला विवाह योग्य हुई तो उसकी माँ का निधन हो गया। सुमंत ने अपनी पुत्री सुशीला का विवाह ऋषि कौंडिन्य से कर दिया। कौंडिन्य ऋषि सुशीला के साथ अपने आश्रम जा रहे थे। लेकिन रास्ते में रात हो गई और वे एक जगह रुक गए। उस स्थान पर कुछ महिलाएं अनंत चतुर्दशी व्रत की पूजा कर रही थीं।
सुशीला ने भी स्त्रियों से उस व्रत की महिमा सीखी और उसने भी 14 गांठों वाला अनंत धागा पहना और ऋषि कौंडिन्य के पास आई लेकिन ऋषि कौंडिन्य ने उस धागे को तोड़कर आग में फेंक दिया। इससे भगवान अनंत सूत्र का अपमान हुआ। श्रीहरि के अनंत स्वरूप के अपमान के बाद कौंडिन्य ऋषि की सारी संपत्ति नष्ट हो गई और वो दुखी रहने लगे।
तब ऋषि कौंडिन्य उस अनंत धागे को पाने के लिए जंगल में भटकने लगे। एक दिन वह भूख-प्यास के कारण भूमि पर गिर पड़े, तभी भगवान अनंत प्रकट हुए। उन्होंने कहा कि कौंडिन्य तुम्हें अपनी गलती का पश्चाताप हो गया है। अब घर जाकर अनंत चतुर्दशी का व्रत करो और इस व्रत को 14 वर्ष तक करो। इसके प्रभाव से आपका जीवन सुखी हो जाएगा और आपकी संपत्ति भी वापस मिल जाएगी। ऋषि कौंडिन्य ने वैसा ही किया, जिसके बाद उनकी धन-संपत्ति वापस आ गई और जीवन खुशहाल हो गया।