देश विदेश

Badlapur Case: अक्षय शिंदे हिन्‍दू...फिर भी क्‍यों शव को दफनाने का लिया गया फैसला ? जानें वजह

अक्षय शिंदे के परिवार के वकील का कहना है कि वह शव को केवल इसलिए दफना रहे हैं, ताकि भविष्य में शव को निकालने का विकल्प बना रहे. उनके समुदाय के सभी वरिष्ठ सदस्यों ने खुद कहा है कि ऐसी कोई प्रथा नहीं है. बॉम्‍बे हाईकोर्ट की पीठ ने हालांकि कहा कि समुदाय यह तय नहीं करेगा कि माता-पिता क्या चाहते हैं.

मुंबई उच्च न्यायालय ने बदलापुर यौन उत्पीड़न कांड के आरोपी रहे अक्षय शिंदे को दफनाने के लिए सुरक्षित जमीन खोजने का निर्देश पुलिस को दिया है। शिंदे की तीन दिन पहले पुलिस मुठभेड़ में मौत हो गई थी। उसके पिता ने अदालत में गुहार लगाई थी कि उनके निवास के आसपास का कोई कब्रिस्तान उसे दफनाने की अनुमति नहीं दे रहा है।

अक्षय शिंदे के परिवार के वकील का कहना है कि वह शव को केवल इसलिए दफना रहे हैं, ताकि भविष्य में शव को निकालने का विकल्प बना रहे. उनके समुदाय के सभी वरिष्ठ सदस्यों ने खुद कहा है कि ऐसी कोई प्रथा नहीं है. बॉम्‍बे हाईकोर्ट की पीठ ने हालांकि कहा कि समुदाय यह तय नहीं करेगा कि माता-पिता क्या चाहते हैं.

हाईकोर्ट ने कहा, ‘किसी को भी फैसला लेने का अधिकार नहीं है. यह माता-पिता को तय करना है.’ हाईकोर्ट ने अभियोजन पक्ष की इस दलील को खारिज कर दिया कि शिंदे के समुदाय में शवों को दफनाने की कोई प्रथा नहीं है और इसे उनके माता-पिता की इच्छा बताया.

बता दें कि अक्षय शिंदे के पिता ने बेटे के शव को दफनाने के लिए जगह की व्यवस्था किए जाने का अनुरोध करते हुए शुक्रवार को हाईकोर्ट का रुख किया था. परिवार ने दावा किया था कि शिंदे ने दाह संस्कार के बजाय दफनाए जाने की इच्छा जताई थी. शिंदे का शव ठाणे के कलवा इलाके में एक नगर निकाय के अस्पताल के शवगृह में रखा गया है.


बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न का आरोप

अक्षय शिंदे पर बदलापुर के एक स्कूल में तीन और चार साल की दो बच्चियों के यौन उत्पीड़न का आरोप था। सोमवार शाम जेल से एक जांच के लिए ले जाते समय पुलिस मुठभेड़ में उसकी मौत हो गई थी।