वारदात

सड़क दुर्घटनाओं में होने वाले नुकसान से बचने के लिए बाइक इंश्योरेंस क्यों है जरूरी ?

मेरठ (वि)। हर साल भारत में सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं में कई लोगों की जान चली जाती है।

मेरठ (वि) हर साल भारत में सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं में कई लोगों की जान चली जाती है। इसका मुख्य कारण लापरवाही से गाड़ी चलाना, ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन और दूसरी मानवीय गलतियां हैं। भारत में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या विश्व में सबसे ज्यादा है। पिछले कुछ सालों में प्रति व्यक्ति औसत आय बढ़ने के कारण भारत की सड़कें अधिक व्यस्त हो गई हैं, जिससे अधिक खरीदार दोपहिया वाहन खरीद रहे हैं। स्टेटिस्टा के अनुसार, दुनिया के तीसरे सबसे बड़े सड़क नेटवर्क के साथ, देश में वित्त वर्ष 2022 तक 354 मिलियन वाहन थे। फिर भी वाहन मालिकों के बीच इंश्योरेंस की कमी चिंता का मुख्य विषय है। जनरल इंश्योरेंस काउंसिल की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में 60% से अधिक वाहन बिना इंश्योरेंस के हैं, जिसमें दोपहिया वाहन इस श्रेणी में सबसे आगे हैं। 2015-2016 में, लगभग 19 करोड़ रजिस्टर्ड वाहनों में से केवल 8.26 करोड़ का इंश्योरेंस किया गया था।

मानस कपूर, हेड-टू-व्हीलर इंश्योरेंस, पॉलिसीबाजार डॉट कॉम: थर्ड पार्टी मोटर इंश्योरेंस अनिवार्य है, फिर भी कई वाहन मालिक बिना इंश्योरेंस के रहते हैं। यह इसकी तीन बड़ी वजहें हैं: कई बाइक मालिक पैसे बचाने के लिए इंश्योरेंस नहीं करवाते, जो लोग इंश्योरेंस लेते भी हैं, वे अक्सर अपनी पॉलिसी समय पर रिन्यू नहीं करवाते, और इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स के बारे में जागरूकता की कमी भी एक बड़ी समस्या है।लेकिन बिना इंश्योरेंस  के आपकी आर्थिक सुरक्षा बड़े खतरे में पड़ सकती है। अगर किसी सड़क दुर्घटना में संपत्ति को नुकसान होता है या किसी को चोट लगती है, तो आपको सारा खर्च खुद ही उठाना पड़ेगा। अपने वाहन का इंश्योरेंस कराकर सावधानी बरतना बाद में पछताने से कहीं बेहतर है। बिना इंश्योरेंस के गाड़ी चलाने पर कानूनीकार्रवाई भी होती है। पहली बार उल्लंघन करने वालों को ₹2,000 का जुर्माना और/या तीन महीने तक की जेल का सामना करना पड़ता है। दोबारा पकड़े जाने पर ₹4,000 का जुर्माना लगेगा।

बाजार में दो प्रकार के बाइक इंश्योरेंस उपलब्ध हैं: थर्ड  पार्टी इंश्योरेंस और ओन डैमेज इंश्योरेंस

थर्ड पार्टी इंश्योरेंस अनिवार्य कवरेज है, यह किसी अन्य की संपत्ति को हुए नुकसान या किसी दुर्घटना में चोट से उत्पन्न होने वाली देनदारियों से बचाता है। मुआवजे की राशि चोट की गंभीरता, तीसरे व्यक्ति की उम्र, उनके पेशे और आय जैसे कारकों पर निर्भर करती है।

तीसरे पक्ष की मृत्यु के लिए अधिकतम मुआवजा अदालत द्वारा तय किया जाता है और बाइक बीमा के मामले में तीसरे पक्ष की संपत्ति के नुकसान के लिए अधिकतम मुआवजा 1 लाख रुपये है। हालाँकि, यह पॉलिसी -आपकी अपनी बाइक को नुकसान,दुर्घटना के दौरान आपकी बाइक के अंदर मौजूद सामान, आपकी बाइक की चोरी या पूरी तरह से नष्ट हो जाने को कवर नहीं करती है।

भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) इंजन क्षमता के आधार पर थर्ड  पार्टी इंश्योरेंस के लिए प्रीमियम निर्धारित करता है। उदाहरण के लिए, 75 सीसी और 150 सीसी के बीच इंजन वाली बाइक के लिए पांच साल की पॉलिसी के लिए प्रीमियम ₹3,851 है। IRDAI  ने रिनुअल संबंधी परेशानियों को कम करने के लिए पांच साल के लॉंग टर्म थर्ड पार्टी इंश्योरेंस को अनिवार्य कर दिया है।

ओन डैमेज इंश्योरेंस पॉलिसी आग, चोरी, प्राकृतिक आपदाओं या मानव निर्मित घटनाओं के कारण आपकी बाइक को हुए नुकसान को कवर करती है। अक्सर थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के साथ मिलकर, यह बढ़ी हुई सुरक्षा प्रदान करता है। जीरे डेप्रिशिएसन कवर, रोड साइड असिस्टेंस, चाबी और ताले का रिपलेस्मेंट, टायर प्रोटेक्टर और इनवाइस प्राइस जैसे ऐड-ऑन आपको कवरेज बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।

ओन-डैमेज इंश्योरेंस पॉलिसी एक साल के लिए वेलिड होती हैं और इन्हें सालाना रिन्यू किया जाना चाहिए। हालांकि, कई इंश्योरेंस कंपनियों ने 3+3 साल जैसी लंबी अवधि की योजनाएं भी पेश करना शुरू कर दिया है, जो बेहद किफायती हैं। प्रीमियम वाहन की उम्र, पंजीकरण स्थान, मेक और मॉडल और वोलेंट्री डिडक्टिबल जैसे कारकों पर निर्भर करता है। पूरी सुरक्षा के लिए, थर्ड पार्टी इंश्योरेंस और ओन डैमेज इंश्योरेंस को मिलाकर एक कॉम्प्रहेंसिव पॉलिसी लेना बेहतर होता है। कॉम्प्रहेंसिव बाइक इंश्योरेंस दुर्घटना की स्थिति में वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करके मानसिक शांति प्रदान करता है। यह केवल आपके वित्त की सुरक्षा करता है बल्कि चोरी, प्राकृतिक आपदाओं और थर्ड पार्टी की देनदारियों जैसी अप्रत्याशित स्थितियों के लिए भी कवरेज प्रदान करता है।