कन्नड़ फिल्म उद्योग की अभिनेत्री रान्या राव हाल ही में सोने की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार हुई हैं। उन्होंने स्वीकार किया है कि यह उनकी पहली तस्करी थी और उन्होंने यूट्यूब से सोना छिपाने के तरीके सीखे थे।
तस्करी का तरीका और गिरफ्तारी: रान्या राव पर आरोप है कि उन्होंने दुबई से भारत में अवैध रूप से सोना लाने का प्रयास किया। बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उनके पास से 14.2 किलोग्राम सोने की छड़ें जब्त की गईं, जिनकी अनुमानित कीमत 12.56 करोड़ रुपये है। उन्होंने सोने की छड़ों को अपने शरीर पर विशेष रूप से बनाई गई कमर बेल्ट में छिपाया था।
यूट्यूब से सीखा तस्करी का तरीका:पूछताछ के दौरान, रान्या ने खुलासा किया कि उन्होंने तस्करी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले मार्ग और सोना छिपाने के तरीकों को जानने के लिए ऑनलाइन वीडियो ट्यूटोरियल्स का सहारा लिया था। उन्होंने यूट्यूब पर उपलब्ध वीडियो देखकर सोना छिपाने के विभिन्न तरीकों को सीखा और उन्हें अपने प्रयास में लागू किया।
वीआईपी प्रोटोकॉल का दुरुपयोग: जांच में यह भी पता चला है कि रान्या राव ने हवाई अड्डे पर वीआईपी प्रोटोकॉल का दुरुपयोग किया। उन्हें वरिष्ठ अधिकारियों के लिए निर्धारित विशेष सुविधाएं मिलती थीं, जिससे वे सुरक्षा जांच से बच जाती थीं। प्रोटोकॉल अधिकारियों को वरिष्ठ अधिकारियों से निर्देश मिलते थे, जिसके तहत वे रान्या का सामान उठाते थे और फास्ट-ट्रैक सुरक्षा मंजूरी दिलाते थे।
पुलिस से मिलीभगत की आशंका: जांचकर्ताओं ने यह भी संदेह जताया है कि रान्या राव की तस्करी गतिविधियों में कुछ पुलिस अधिकारियों की मिलीभगत हो सकती है। उनकी बार-बार की अंतरराष्ट्रीय यात्राओं और हवाई अड्डे पर विशेष सुविधाओं के कारण यह शक गहराता जा रहा है।
रान्या राव कर्नाटक के एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी की बेटी हैं। उनकी गिरफ्तारी ने फिल्म उद्योग और पुलिस विभाग दोनों में हलचल मचा दी है। उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान, राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने अदालत को बताया कि रान्या ने सुरक्षा जांच से बचने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के लिए बनाए गए वीआईपी एयरपोर्ट प्रोटोकॉल का फायदा उठाया।
रान्या राव की गिरफ्तारी ने सोने की तस्करी में नई चुनौतियों को उजागर किया है, जहां तस्कर आधुनिक तकनीकों और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का उपयोग कर रहे हैं। यह घटना सुरक्षा एजेंसियों के लिए सतर्कता बढ़ाने और हवाई अड्डों पर वीआईपी प्रोटोकॉल के दुरुपयोग को रोकने की आवश्यकता को रेखांकित करती है।