तिरुपति, 9 जनवरी 2025: आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध तिरुपति मंदिर में आज सुबह श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के बीच भगदड़ मच गई। इस हादसे में अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि दो दर्जन से अधिक घायल हैं। हादसे के पीछे अव्यवस्था और भीड़ प्रबंधन में खामी को बड़ा कारण माना जा रहा है।
चश्मदीदों के अनुसार, जैसे ही टिकट काउंटर खुले, श्रद्धालुओं की भीड़ बेकाबू हो गई और भगदड़ मच गई। लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। कई लोग गिर गए और भीड़ में कुचलने से गंभीर रूप से घायल हो गए।
हादसे की प्रमुख बातें:
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भगदड़ की वजह:
चश्मदीदों का कहना है कि मंदिर में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं थे। टिकट काउंटर खुलते ही लोग दौड़ पड़े, जिससे हालात बेकाबू हो गए।
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तीन की मौत, कई घायल:
हादसे में तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। करीब 25 लोग घायल हुए हैं, जिनमें से कुछ की हालत नाजुक बनी हुई है।
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प्रबंधन पर सवाल:
इस हादसे ने मंदिर प्रशासन की तैयारियों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। भगदड़ के दौरान सुरक्षा कर्मियों की कमी साफ नजर आई।
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चश्मदीदों की दर्दनाक कहानी:
हादसे के समय मौके पर मौजूद एक श्रद्धालु ने बताया, "काउंटर खुलने के साथ ही हर कोई आगे बढ़ने की कोशिश कर रहा था। सुरक्षा कर्मियों ने भीड़ को संभालने की कोई कोशिश नहीं की।"
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हेल्पलाइन नंबर जारी:
प्रशासन ने घटना के बाद हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं, ताकि परिवारों को घायलों की जानकारी दी जा सके।
प्रशासन की प्रतिक्रिया:
मंदिर प्रशासन का कहना है कि घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के चेयरमैन ने कहा, "हम भगदड़ के कारणों की जांच कर रहे हैं और घायलों को हर संभव मदद दी जा रही है।"
विशेषज्ञों की राय:
भीड़ प्रबंधन विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए मंदिर प्रबंधन को आधुनिक तकनीकों का उपयोग करना चाहिए। ऑनलाइन बुकिंग सिस्टम और भीड़ नियंत्रण के लिए बेहतर उपाय अपनाने की जरूरत है।
श्रद्धालुओं से अपील:
प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे संयम बनाए रखें और निर्धारित कतार प्रणाली का पालन करें।
तिरुपति की महत्ता:
तिरुपति मंदिर भारत के सबसे प्रसिद्ध और भीड़भाड़ वाले तीर्थ स्थलों में से एक है। हर साल लाखों श्रद्धालु भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन के लिए यहां आते हैं।