यूपी के हाथरस में भोले बाबा के सत्संग के दौरान भगदड़ मच गई। इसमें 120 लोगों
की मौत हो गई। 150 से अधिक घायल हैं। कई लोगों की हालत गंभीर है। मृतकों की
संख्या बढ़ सकती है। हादसा हाथरस जिले से 47 किमी दूर फुलरई गांव में हुआ है।
हादसे के बाद हालात भयावह हो गए। अस्पताल के बाहर शव जमीन पर बिखरे पड़े रहे।
वहीं, एटा के CMO उमेश त्रिपाठी ने बताया- हाथरस से अब तक 27 शव एटा लाए गए।
इनमें 25 महिलाएं और 2 पुरुष हैं। चश्मदीदों का दावा है िक सत्संग में 50
हजार से अधिक लोगों की भीड़ थी। हादसे के बाद जैसे-तैसे घायलों और मृतकों को
बस-टैंपो में लादकर अस्पताल ले जाया गया। CM योगी ने मुख्य सचिव मनोज सिंह और
DGP प्रशांत कुमार को घटनास्थल के लिए रवाना कर दिया। घटना की जांच के लिए
ADG आगरा और अलीगढ़ कमिश्नर की टीम बनाई है। एक साथ इतनी संख्या में घायल
पहुंचे कि अस्पताल के बाहर लोगों को जमीन पर ही लिटाकर इलाज शुरू किया गया।
एक साथ इतनी संख्या में घायल पहुंचे कि अस्पताल के बाहर लोगों को जमीन पर ही
लिटाकर इलाज शुरू किया गया। यूपी के हाथरस जनपद में सिकंदराराऊ थाना अंतर्गत
फुलरई मुगलगढ़ी के एक खेत में साकार हरि बाबा का एक दिवसीय सत्संग चल रहा था।
वहां पर बच्चों के साथ महिलाएं और पुरुष बाबा का प्रवचन सुन रहे थे। लगभग
पौने दो बजे सत्संग खत्म हुआ, बाबा के अनुयायी बाहर सड़क की ओर जाने लगे।
बताया जा रहा है कि लगभग 50 हजार की संख्या में अनुयायियों को सेवादारों ने
जहां थे, वहीं रोक लिया। सेवादारों ने साकार हरि बाबा के काफिले को वहां से
निकाला। उतनी देर तक वहां अनुयायी गर्मी और उमस में खड़े रहे। बाबा के काफिले
के जाने के बाद जैसे ही सेवादारों ने अनुयायियों को जाने के लिए कहा, वहां
भगदड़ की स्थिति बन गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार गर्मी, उमस और भीड़ में दम
घुटने से अनुयायी वहीं पर बेहोश होकर गिर गए। बताया जा रहा है कि हादसे में
अब तक 120 लोगों की मौत हो चुकी है। मरने और घायल होने वालों में महिलाओं की
संख्या ज्यादा है, साथ ही बच्चों के भी हताहत होने की जानकारी मिल रही है।
हादसे के बाद घायलों को सिकंदराराऊ सीएचसी और एटा की ओर एम्बुलेंस से उपचार
के लिए भेजा गया। सिकंदराराऊ में हुए हादसे के बाद स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट
जारी कर दिया है। इमरजेंसी से लेकर पोस्टमार्टम हाउस में स्टाफ को तैनात रहने
के निर्देश दिए गए हैं। जिले के अलग-अलग स्थानों से एम्बुलेंस को घटना स्थल
के लिए भेजा गया है। डीएम ने कहा-एसडीएम ने कार्यक्रम की अनुमति दी थी डीएम
ने बताया कि एसडीएम ने कार्यक्रम की अनुमति दी थी। यह एक प्राइवेट कार्यक्रम
था। अभी मृतकों का पूरा आंकड़ा पता नहीं चला है। 50 से 60 के करीब मृतक संख्या
बताई जा रही है। पुलिस की ड्यूटी सुरक्षा के लिए लगाई गई थी। अंदर की
व्यवस्था आयोजकों द्वारा की जानी थी। सीनियर अधिकारी को जांच के लिए लगाया
गया है।