राजस्थान की
कोटा-बूंदी सीट से लगातार तीसरी
बार जीतने वाले ओम बिड़ला को फिर
लोकसभा अध्यक्ष बनाया जा सकता है।
सूत्रों के मुताबिक, भाजपा की बैठक में
उनके नाम पर मुहर लग गई है। BJP को
बिड़ला का नाम फाइनल करने के लिए
एनडीए के सहयोगी दलों से अब मीटिंग
होगी।
माना जा रहा है किलोकसभा स्पीकर
की रेस में शामिल भाजपा की आंध्र प्रदेश
अध्यक्ष डी. पुरंदेश्वरी को लोकसभा
उपाध्यक्ष बनाया जा सकता है।
पुरंदेश्वरी
चंद्रबाबू नायडू की पत्नी नारा भुवनेश्वरी
की बहन हैं। उन्होंने नायडू का उस वक्त
समर्थन किया था, जब उनकी अपने ससुर
एनटी रामाराव का तख्ता पलट करने पर
आलोचना हो रही थी। ऐसे में उन्हें स्पीकर
बनाया जाता है, तो नायडू पर सॉफ्ट प्रेशर
रहेगा। उनकी पार्टी पुरंदेश्वरी का विरोध
नहीं कर पाएगी।
मोदी मंत्रिमंडल के गठन के बाद अब
यह संभावना बनी है कि ओम बिड़ला
एक बार फिर लोकसभा अध्यक्ष बनेंगे।
बिड़ला मोदी और शाह के नजदीकी माने
जाते हैं और स्पीकर के संवैधानिक पद पर
रहते हुए उन्होंने कई ऐसे फैसले लिए, जो
अपने आप में रिकॉर्ड हैं।
अपनी कार्यशैली के कारण भाजपा
सहित विरोधी दलों में भी उनकी अच्छी
पैठ है। भाजपा इस बार पूर्ण बहुमत में
नहीं है, इसलिए मोदी-शाह भी अपने
विश्वासपात्र को ही लोकसभा अध्यक्ष
बनाना चाहेंगे।
इस चॉइस में भी बिड़ला
खरे उतरते हैं। हालांकि, भाजपा का पूर्ण
बहुमत में न आना ही उनके अध्यक्ष बनने
में रोड़ा भी साबित हो सकता है, क्योंकि
सहयोगी दल स्पीकर पद की मांग कर रहे
हैं।
एक नया रिकॉर्ड बना सकते हैं बिड़ला
बिड़ला यदि दूसरी बार फिर लोकसभा
अध्यक्ष बनाए जाते हैं और वे इस पद पर
अपना दूसरा कार्यकाल भी पूरा कर लेते
हैं, तो उनके नाम एक रिकॉर्ड और दर्ज हो
सकता है।
साढ़े तीन दशक पहले लगातार
दो बार चुने जाने और कार्यकाल पूरा करने
वाले बलराम जाखड़ एकमात्र लोकसभा
अध्यक्ष रहे हैं। जीएमसी बालयोगी,
पीए संगमा जैसे नेता दो बार लोकसभा
अध्यक्ष तो बने, लेकिन पूरे 5-5 साल के
कार्यकाल पूरे नहीं किए। बलराम जाखड़
ने साल 1980 से 1985 और 1985 से
1989 तक अपने दोनों कार्यकाल पूरे
किए।
गठबंधन की मजबूरियों के कारण यदि
लोकसभा अध्यक्ष का पद सहयोगी दलों
के पास जाता है तो इस स्थिति में ओम
बिड़ला का नाम राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए
भी दौड़ में है। इस पद के लिए राजस्थान
से ही भूपेंद्र यादव का नाम भी चला था,
लेकिन उन्हें मंत्रिमंडल में जगह दे दी गई
है।
अब माना जा रहा है कि यदिबिड़ला
लोकसभा अध्यक्ष नहीं बन सके, तो
मोदी-शाह के नजदीकी होने के कारण
उन्हें BJP का राष्ट्रीय अध्यक्ष पद दिया
जा सकता है।