नई दिल्ली, 8 फरवरी 2025 – देश के युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर देने और भारत को वैश्विक कौशल केंद्र बनाने की दिशा में सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। प्रधानमंत्री ने तीन नई कौशल विकास योजनाओं का ऐलान किया है, जिनके तहत सरकार 8800 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बना रही है। इन स्कीमों का मकसद युवाओं को नई तकनीकों में प्रशिक्षित करना, उन्हें जॉब-रेडी बनाना और स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है।
सरकार के इस फैसले से देशभर में लाखों युवाओं को सीधे लाभ मिलेगा। इसके तहत खासतौर पर तकनीकी, डिजिटल और हरित ऊर्जा क्षेत्रों में कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही, नई योजनाओं के माध्यम से स्टार्टअप्स और एंटरप्रेन्योरशिप को भी बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
किन युवाओं को मिलेगा फायदा?
सरकार के अनुसार, इन नए कौशल विकास कार्यक्रमों का लक्ष्य 18 से 35 वर्ष तक के युवाओं को रोजगार के लिए तैयार करना है। विशेष रूप से 12वीं पास, स्नातक और आईटीआई डिप्लोमा धारकों को प्राथमिकता दी जाएगी। जो युवा नए जमाने की तकनीकों जैसे कि AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस), रोबोटिक्स, क्लाउड कंप्यूटिंग, डाटा एनालिटिक्स और ग्रीन एनर्जी सेक्टर में करियर बनाना चाहते हैं, उनके लिए ये स्कीम खासतौर पर फायदेमंद साबित होगी।
तीन नई Skill Development Schemes की खासियत
-
National Skill Enhancement Program (NSEP)
- इस योजना के तहत 5 लाख युवाओं को हाई-टेक स्किल ट्रेनिंग दी जाएगी।
- आईटी, साइबर सिक्योरिटी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसी नई तकनीकों में ट्रेनिंग दी जाएगी।
- ट्रेनिंग पूरी करने के बाद योग्य उम्मीदवारों को सरकारी और निजी कंपनियों में प्लेसमेंट का मौका मिलेगा।
-
Green Energy Workforce Mission (GEWM)
- सरकार का फोकस ग्रीन एनर्जी सेक्टर को बढ़ावा देना है, जिसके लिए इस योजना की शुरुआत की गई है।
- सोलर एनर्जी, इलेक्ट्रिक व्हीकल टेक्नोलॉजी, बैटरी मैन्युफैक्चरिंग और ग्रीन बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन में 2 लाख युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा।
- ट्रेनिंग पूरी करने के बाद युवाओं को ग्रीन जॉब्स सेक्टर में रोजगार मिलने की संभावना बढ़ जाएगी।
-
Startup and Entrepreneurship Development Scheme (SEDS)
- यह योजना उन युवाओं के लिए है जो खुद का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं।
- सरकार 50,000 स्टार्टअप्स को आर्थिक सहायता और प्रशिक्षण देगी।
- स्कीम के तहत बिजनेस लोन, मार्केटिंग सपोर्ट और डिजिटल ट्रेनिंग दी जाएगी।
8800 करोड़ रुपये कैसे खर्च होंगे?
सरकार ने इस मेगा योजना के लिए 8800 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी है, जो निम्नलिखित क्षेत्रों में खर्च किया जाएगा:
- तकनीकी शिक्षा और प्रशिक्षण केंद्रों के निर्माण के लिए - 3200 करोड़ रुपये
- ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म और डिजिटल स्किलिंग को बढ़ावा देने के लिए - 2500 करोड़ रुपये
- स्टार्टअप्स को आर्थिक मदद और बिजनेस ट्रेनिंग के लिए - 1800 करोड़ रुपये
- इंटर्नशिप और अप्प्रेंटिसशिप प्रोग्राम्स के लिए - 1300 करोड़ रुपये
रोजगार के नए अवसर, 10 लाख नौकरियों का लक्ष्य
सरकार का दावा है कि इन योजनाओं से अगले 3 वर्षों में 10 लाख से अधिक नौकरियां पैदा होंगी। बड़ी कंपनियों को सरकार से यह निर्देश दिया गया है कि वे कौशल प्रशिक्षण पूरा करने वाले युवाओं को प्राथमिकता दें।
सरकार के इस कदम का स्वागत उद्योग जगत से लेकर शिक्षा क्षेत्र तक में किया जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर सही तरीके से इस योजना को लागू किया गया, तो भारत को दुनिया के सबसे बड़े स्किल्ड वर्कफोर्स वाले देशों में शामिल किया जा सकता है।
कैसे करें आवेदन?
इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए युवाओं को सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन करना होगा। साथ ही, राज्यों में स्किल डिवेलपमेंट सेंटर भी बनाए जाएंगे, जहां पर ऑफलाइन आवेदन की सुविधा मिलेगी।
अंतिम तिथि:
रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया मार्च 2025 से शुरू होगी और जून 2025 तक आवेदन किए जा सकते हैं।