कहानी

Captain Devi Sharan: IC 814 के कंधार हाईजैक हीरो ने ली रिटायरमेंट, फेयरवेल पर छलके आंसू

IC 814 के कंधार हाईजैक में अपनी सूझबूझ से यात्रियों की जान बचाने वाले Captain Devi Sharan ने एयर इंडिया से रिटायरमेंट ले लिया। फेयरवेल सेरेमनी में वे भावुक हो गए।

भारतीय विमानन इतिहास के सबसे बड़े संकटों में से एक, IC 814 कंधार हाईजैक के हीरो Captain Devi Sharan ने आज एयर इंडिया से रिटायरमेंट ले लिया। 25 वर्षों के अपने शानदार करियर को अलविदा कहते समय, कैप्टन शरण अपने सहकर्मियों और परिवार के साथ भावुक हो गए। उनकी सूझबूझ और हिम्मत के कारण 1999 में सैकड़ों यात्रियों की जान बचाई गई थी। आइए जानते हैं, इस महान विमानन नायक की कहानी।

IC 814 हाईजैक: एक नजर

24 दिसंबर 1999 को काठमांडू से नई दिल्ली जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट IC 814 को आतंकवादियों ने हाईजैक कर लिया था। विमान को कंधार ले जाया गया, जो उस समय तालिबान के नियंत्रण में था। आतंकवादियों के मंसूबे खतरनाक थे, लेकिन Captain Devi Sharan की सूझबूझ, साहस और नेतृत्व ने इस संकट को संभालने में अहम भूमिका निभाई।

कैप्टन शरण की भूमिका

  • जब आतंकवादियों ने विमान को हाईजैक किया, तो कैप्टन शरण ने क्रू मेंबर्स और यात्रियों को शांत रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • उन्होंने आतंकवादियों के साथ बातचीत में संयम दिखाया और विमान को सुरक्षित लैंड कराने का प्रयास किया।
  • उनकी सूझबूझ के कारण किसी भी यात्री को नुकसान नहीं पहुंचा और यात्रियों को सुरक्षित मुक्त कराया गया।

फेयरवेल सेरेमनी में भावुक हुए कैप्टन शरण

आज, एयर इंडिया के मुख्यालय में आयोजित फेयरवेल सेरेमनी में कैप्टन शरण ने अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा,
"यह सफर सिर्फ मेरा नहीं है, बल्कि उन सभी सहकर्मियों का है, जिन्होंने मेरे साथ हर चुनौती का सामना किया। IC 814 की घटना ने मुझे सिखाया कि मुश्किल समय में इंसान की हिम्मत ही सबसे बड़ी ताकत होती है।"

करियर की उपलब्धियां

  • 25 वर्षों का सेवाकाल: कैप्टन शरण ने एयर इंडिया के साथ 25 वर्षों तक अपनी सेवाएं दीं।
  • अवार्ड्स और सम्मान: IC 814 घटना के बाद उन्हें कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
  • युवा पायलट्स के लिए प्रेरणा: उन्होंने अपने अनुभवों से युवा पायलट्स को ट्रेनिंग दी और उन्हें जिम्मेदार उड़ानों के लिए तैयार किया।

IC 814 हाईजैक के बाद का अनुभव

कैप्टन शरण ने अपनी एक किताब "Flight Into Fear" में IC 814 हाईजैक के अनुभव साझा किए हैं। उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने अपनी टीम और यात्रियों को संकट से बाहर निकाला।

विमानन जगत में उनकी विरासत

कैप्टन शरण को भारतीय विमानन जगत में उनकी सूझबूझ, साहस और नेतृत्व के लिए हमेशा याद किया जाएगा। उनकी सेवा न केवल एयर इंडिया के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणा है।

Captain Devi Sharan का रिटायरमेंट भारतीय विमानन क्षेत्र के लिए एक युग का अंत है। उनकी हिम्मत और सेवा को देश हमेशा याद रखेगा। वे आज भी युवा पायलट्स के लिए प्रेरणा हैं और उनकी कहानी हर भारतीय के दिल में बसती है।