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One Nation One Election: वन नेशन-वन इलेक्शन में क्या-क्या करने होंगे बदलाव?

देश में पहली बार एक राष्ट्र एक चुनाव का विचार 1984 में सामने आया था। इससे पहले लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव 1951-52 1957 1962 और 1967 में एक साथ संपन्न हो चुके हैं।

वन नेशन-वन इलेक्शन पर गठित पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली कमेटी की सिफारिशों पर केंद्रीय कैबिनेट ने अपनी मुहर लगा दी है। कमेटी ने साल 2029 में पूरे देश में एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश की। देश में पहली बार एक राष्ट्र एक चुनाव का विचार 1984 में सामने आया था। इससे पहले लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव 1951-52 1957 1962 और 1967 में एक साथ संपन्न हो चुके हैं।

'एक देश, एक चुनाव' पर बनी कोविंद समिति की रिपोर्ट को केन्द्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है। कहा जा रहा है कि केन्द्र सरकार आगामी शीतकालीन सत्र में इसे सदन में पेश कर सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले 2019 में 73वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर एक देश एक चुनाव के अपने विचार को आगे बढ़ाया था। उन्होंने कहा था कि देश के एकीकरण की प्रक्रिया हमेशा चलती रहनी चाहिए। 2024 में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भी प्रधानमंत्री ने इस पर विचार रखा। अब विधि मंत्रालय के 100 दिवसीय एजेंडे के हिस्सा के रूप में कैबिनेट के सामने रिपोर्ट पेश की, जिसे कैबिनेट से मंजूरी मिल गई। 

क्या है एक देश एक चुनाव की बहस?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 के स्वतंत्रता दिवस पर एक देश एक चुनाव का जिक्र किया था। तब से अब तक कई मौकों पर भाजपा की ओर एक देश एक चुनाव की बात की जाती रही है। ये विचार इस पर आधारित है कि देश में लोकसभा और सभी राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव एक साथ हों। अभी लोकसभा यानी आम चुनाव और विधानसभा चुनाव पांच साल के अंतराल में होते हैं। इसकी व्यवस्था भारतीय संविधान में की गई है। अलग-अलग राज्यों की विधानसभा का कार्यकाल अलग-अलग समय पर पूरा होता है, उसी के हिसाब से उस राज्य में विधानसभा चुनाव होते हैं। 

हालांकि, कुछ राज्य ऐसे भी हैं जहां विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ होते हैं। इनमें अरुणाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम जैसे राज्य शामिल हैं। वहीं, राजस्थान, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और मिजोरम जैसे राज्यों के चुनाव लोकसभा चुनाव से ऐन पहले हुए तो लोकसभा चुनाव खत्म होने के छह महीने के भीतर हरियाणा, जम्मू कश्मीर में चुनाव हो रहे हैं। जल्द ही महाराष्ट्र और झारखंड में चुनाव तारीखों का एलान हो सकता है।