मेरठ की ऐतिहासिक धरोहरों में से एक प्रांतीय नौचंदी मेला मतगणना के बाद लगने
की पूरी संभावना जताई जा रही है। हालांकि, अभी प्रशासनिक अधिकारी लोकसभा
चुनाव के बाद कृषि विश्व विधालय में होने वाली मतगणना को लेकर तैयारियों में
लगे हुए है। लेकिन कहा जा सकता है कि आने वाले समय में मेरठ वासियों को एक
बार फिर नौचंदी मेले की रौनक देखने को मिलेगी। मेला नौचंदी का आयोजन कर रही
जिला पंचायत अधिकारियों का कहना है कि 4 जून को लोकसभा चुनाव परिणाम आने के
बाद ही नौचंदी मेला लगाया जा सकेगा।
जबकि, बुलंदशहर में लगने वाली नुमाइश
खत्म होने के बाद ही मेले में दुकानदार बड़ी संख्या में यहां पहुंचेंगे।
हालांकि, मेले के लिए मैदान और पटेल मंडल की मरम्मत आदि के लिए मांगी गई
टेंडरों की अनुमति भी अभी तक चुनाव आयोग से नहीं मिल सकी है। जिसको देखकर कहा
जा सकता है, कि मेला नौचंदी अब मतगणना होने के बाद ही शुरू हो पाएगा। बता दें
कि, ऐतिहासिक प्रांतीय नौचंदी मेले का उद्घाटन होली के बाद दूसरे रविवार को
होता है। गत 7 अप्रैल को मंडलायुक्त सेल्वा कुमारी जे. ने मेले का विधिवत
उद्घाटन किया था।
लेकिन, एक पखवाड़े से ज्यादा समय बीतने के बाद भी मेला नहीं
लग सका है। इस बार मेले के आयोजन की जिम्मेदारी जिला पंचायत को दी गई है।
जिला पंचायत की अपर मुख्य अधिकारी भारती धामा कहना है कि नौचंदी मेला हमेशा
बुलंदशहर में लगने वाली नुमाइश के बाद ही शुरू होता है। क्योंकि, बुलंदशहर
में नुमाइश एक माह तक चलती है। लोकसभा चुनाव के चलते इस साल नुमाइश 4 मई से
शुरू होने जा रही है। जबकि, एक महीने बाद नुमाइश खत्म होगी। इस हिसाब से 4
जून के बाद ही नौचंदी मेले का आयोजन हो सकेगा।
भारती धामा ने बताया कि मेले
की तैयारी के लिए मैदान, पटेल मंडप और दुकानों आदि की मरम्मत के लिए टेंडर
छोड़े जाने हैं। चुनाव आचार संहिता लगी होने के चलते टेंडरों की परमिशन चुनाव
आयोग से मांगी गई है, जो अभी नहीं मिली है। टेंडरों की अनुमति मिलते ही टेंडर
प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। बता दें कि, अगर मेले स्थल की बात करें तो अभी तक
वहां कूड़े और गोबर के अंबार लगे हुए है। जिसकी साफ-सफाई का कार्य जल्द शुरू
होने की बात कही जा रही है। लेकिन मेला अपने पूरे शबाब पर कब होगा यह तो वक्त
ही बताएगा।