जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों पर हालिया सरकारी आंकड़ों ने चिंताजनक स्थिति को उजागर किया है। वर्तमान में, कुल 76 आतंकवादी सक्रिय हैं, जिनमें से 59 विदेशी आतंकवादी हैं, जो मुख्यतः पाकिस्तान से हैं。विदेशी आतंकवादियों की संख्या: 76 सक्रिय आतंकवादियों में से 59 विदेशी आतंकवादी हैं, जो हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम), जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) और लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) जैसे संगठनों से जुड़े हैं।स्थानीय आतंकवादियों की संख्या में गिरावट: वर्तमान में 17 स्थानीय आतंकवादी सक्रिय हैं, जो दर्शाता है कि स्थानीय युवाओं का आतंकवादी संगठनों में शामिल होने का रुझान कम हुआ है।सुरक्षाबलों की कार्रवाई: 2024 में, सुरक्षाबलों ने 75 आतंकवादियों को मार गिराया, जिनमें से 60% पाकिस्तानी थे। यह दर्शाता है कि पाकिस्तान अपनी आर्थिक समस्याओं के बावजूद आतंकवाद को बढ़ावा देने के प्रयास जारी रखे हुए है।
- सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता:इन आंकड़ों के प्रकाश में, सुरक्षा एजेंसियां उच्च सतर्कता बरत रही हैं। घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम करने के लिए नियंत्रण रेखा (LoC) और अंतर्राष्ट्रीय सीमा (IB) पर सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ाई गई है। इसके अलावा, जम्मू-कश्मीर के आंतरिक इलाकों में भी आतंकवादियों के खिलाफ अभियान तेज किए गए हैं।
स्थानीय भर्ती में कमी:आंकड़ों से पता चलता है कि स्थानीय युवाओं का आतंकवादी संगठनों में शामिल होने का रुझान कम हुआ है। 2024 में, केवल चार स्थानीय युवाओं ने आतंकवादी संगठनों में भर्ती ली, जो पिछले वर्षों की तुलना में महत्वपूर्ण गिरावट है।
पाकिस्तान की भूमिका: पाकिस्तान की आर्थिक समस्याओं के बावजूद, वहां की सेना आतंकवादियों को समर्थन देना जारी रखे हुए है। मारे गए आतंकवादियों में से 60% का पाकिस्तानी होना इस बात का प्रमाण है कि पाकिस्तान भारत में आतंकवाद को बढ़ावा देने के अपने प्रयासों को जारी रखे हुए है।जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकवादियों की संख्या में गिरावट एक सकारात्मक संकेत है। स्थानीय युवाओं का आतंकवाद से दूर रहना और सुरक्षाबलों की सक्रियता इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। हालांकि, विदेशी आतंकवादियों की उपस्थिति अभी भी चिंता का विषय है, जिसके लिए निरंतर सतर्कता और कठोर कार्रवाई की आवश्यकता है।