होम लोन लेना आज के समय में घर खरीदने का सबसे आम तरीका बन गया है। लेकिन इसे लेते समय आपको कई तरह के चार्जेस (Charges) और शर्तों का सामना करना पड़ता है। अगर आप पहली बार होम लोन ले रहे हैं, तो यह जानना जरूरी है कि होम लोन के साथ कौन-कौन से चार्ज लगते हैं और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
होम लोन के साथ लगने वाले चार्जेस
होम लोन लेते समय बैंक और वित्तीय संस्थान कई तरह के चार्ज लगाते हैं। आइए, इन चार्जेस को विस्तार से समझते हैं:
1. प्रोसेसिंग फीस (Processing Fee)
यह फीस बैंक या वित्तीय संस्थान द्वारा लोन की प्रोसेसिंग के लिए ली जाती है। यह चार्ज लोन अमाउंट का 0.25% से 1% तक हो सकता है।
- कुछ बैंक न्यूनतम और अधिकतम लिमिट तय करते हैं।
- यह गैर-वापसी योग्य (Non-Refundable) होता है।
2. लोन डिस्बर्समेंट चार्ज (Loan Disbursement Charge)
लोन अमाउंट जारी करने से पहले बैंक एक अतिरिक्त शुल्क लेता है, जो अक्सर लोन की कुल राशि का एक छोटा प्रतिशत होता है।
3. फ्रैंकिंग चार्ज (Franking Charge)
यह चार्ज लोन एग्रीमेंट पर स्टाम्प ड्यूटी लगाने के लिए लिया जाता है। यह राज्य सरकारों के नियमों के अनुसार भिन्न होता है।
4. फोरक्लोजर चार्ज (Foreclosure Charge)
अगर आप लोन की राशि तय समय से पहले चुकाते हैं, तो बैंक इस चार्ज को वसूल सकता है।
- यह चार्ज आमतौर पर 2% से 4% तक होता है।
- कई बैंक अब इस चार्ज को माफ कर रहे हैं, खासकर फ्लोटिंग रेट लोन के मामलों में।
5. प्रॉपर्टी वैल्यूएशन चार्ज (Property Valuation Charge)
बैंक द्वारा प्रॉपर्टी की वैल्यू का आकलन करने के लिए एक चार्ज लिया जाता है। यह शुल्क फिक्स्ड होता है।
6. प्री-पेमेंट चार्ज (Pre-Payment Charge)
लोन का आंशिक भुगतान करने पर यह चार्ज लगाया जाता है। फ्लोटिंग रेट लोन के लिए यह चार्ज नहीं लिया जाता है।
होम लोन लेते समय किन बातों का रखें ध्यान?
1. ब्याज दर (Interest Rate) का चयन करें सही तरीके से
ब्याज दर लोन की लागत को सबसे ज्यादा प्रभावित करती है।
- फ्लोटिंग रेट: यह समय के साथ बदलती रहती है।
- फिक्स्ड रेट: यह लोन की अवधि के दौरान स्थिर रहती है।
ब्याज दर के प्रकार को अपनी वित्तीय स्थिति के अनुसार चुनें।
2. लोन चुकाने की अवधि (Tenure) का चुनाव करें
लंबी अवधि के लोन पर EMI कम होती है, लेकिन कुल ब्याज ज्यादा देना पड़ता है।
- छोटी अवधि का लोन ब्याज बचाने में मदद करता है।
3. गुप्त शर्तों को पढ़ें
लोन एग्रीमेंट में छिपी हुई शर्तें अक्सर ग्राहकों को परेशानी में डाल सकती हैं। सभी शर्तों को ध्यान से पढ़ें।
4. क्रेडिट स्कोर (Credit Score) को मजबूत रखें
अच्छा क्रेडिट स्कोर होने पर आपको कम ब्याज दर पर लोन मिल सकता है।
5. लोन अमाउंट से ज्यादा खर्च न करें
आपकी EMI आपकी मासिक आय के 40% से अधिक नहीं होनी चाहिए।
होम लोन लेने के फायदे
- कर लाभ (Tax Benefits): होम लोन पर टैक्स छूट मिलती है।
- अपना घर: किराए के बजाय आप अपने घर के मालिक बन सकते हैं।
- क्रेडिट स्कोर सुधार: लोन समय पर चुकाने से आपका क्रेडिट स्कोर बेहतर होता है।