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Guru Pradosh Vrat 2024: कल रखा जाएगा प्रदोष व्रत, जानिए शिव जी की कैसे करें पूजा
मार्गशीर्ष प्रदोष व्रत के दिन सौभाग्य योग बन रहा है, जो 28 नवंबर को शाम 4:01 बजे तक रहेगा। इस दौरान चित्रा नक्षत्र का भी संयोग बनेगा। इस संयोग में शिव परिवार की पूजा करने से वैवाहिक जीवन में खुशियां आती हैं और सभी दुख-दर्द दूर हो जाते हैं।
हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत भगवान शिव का सबसे पसंदीदा त्योहार माना जाता है। प्रदोष व्रत के इस दिन प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा करने से लोगों को विशेष फल की प्राप्ति होती है। प्रदोष व्रत करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रहता है और जीवन में सुख और शांति आती है।
यह व्रत हर महीने कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। प्रदोष का अर्थ है शाम। प्रदोष व्रत करने से भगवान शिव की विशेष कृपा बनी रहती है और लोगों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसके साथ ही प्रदोष व्रत करने से पापों का नाश होता है और प्रदोष व्रत करने से जीवन में सुख और शांति आती है।
पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 28 नवंबर गुरुवार को सुबह 6:23 बजे से शुरू होकर 29 नवंबर शुक्रवार को सुबह 09:43 बजे शुरू होगी। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार 28 नवंबर, गुरुवार को प्रदोष व्रत रखा जाएगा। इस दिन गुरुवार होने के कारण इसे गुरु प्रदोष व्रत कहा जाता है।
मार्गशीर्ष प्रदोष व्रत के दिन सौभाग्य योग बन रहा है, जो 28 नवंबर को शाम 4:01 बजे तक रहेगा। इस दौरान चित्रा नक्षत्र का भी संयोग बनेगा। इस संयोग में शिव परिवार की पूजा करने से वैवाहिक जीवन में खुशियां आती हैं और सभी दुख-दर्द दूर हो जाते हैं।
प्रदोष व्रत पूजा का शुभ समय 28 नवंबर को शाम 6:23 बजे से रात 8 बजे तक है। इस शुभ समय में शिव पूजा करने से व्रत का पूरा फल मिलेगा और हर मनोकामना पूरी होगी।