नीट-यूजी का पेपर चुराने और उसे प्रसारित करने वाले दो गिरफ्तार

सीबीआई ने नीट-यूजी पेपर लीक मामले में मुख्य आरोपी समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोप हैं कि मुख्य आरोपी ने झारखंड के हजारीबाग में राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी के ट्रंक से कथित तौर पर पेपर चुराया था।

सीबीआई ने नीट-यूजी पेपर लीक मामले में मुख्य आरोपी समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोप हैं कि मुख्य आरोपी ने झारखंड के हजारीबाग में राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी के ट्रंक से कथित तौर पर पेपर चुराया था। अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि इन दो गिरफ्तारियों के साथ ही मेडिकल प्रवेश परीक्षा में लीक, नकल और अन्य अनियमितताओं से संबंधित मामलों में गिरफ्तार किए गए लोगों की कुल संख्या अब 14 हो गई है। एजेंसी ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी जमशेदपुर के 2017 बैच के सिविल इंजीनियर पंकज कुमार उर्फ आदित्य को गिरफ्तार किया है, जिसने हजारीबाग में एनटीए ट्रंक से नीट-यूजी पेपर चुराया था। बोकारो निवासी पंकज कुमार को पटना से गिरफ्तार किया गया।

सीबीआई ने राजू सिंह को भी गिरफ्तार किया है, जिसने कथिततौर पर पेपर चुराने और गिरोह के अन्य सदस्यों को पेपर देने में पंकज कुमार की मदद की थी। राजू को हजारीबाग से गिरफ्तार किया गया। इससे पहले हजारीबाग में स्थित ओएसिस स्कूल के प्रधानाचार्य, उप प्रधानाचार्य और कथिततौर पर नीट परीक्षार्थियों को ठहरने के लिए वह फ्लैट उपलब्ध कराने वाले दो व्यक्तियों को भी गिरफ्तार किया गया था, जहां से बिहार पुलिस ने जले हुए प्रश्नपत्र बरामद किए थे। बता दे कि सीबीआई ने इस मामले में छह प्राथमिकी दर्ज की है। बिहार में दर्ज प्राथमिकी प्रश्न पत्र लीक होने से संबंधित है, जबकि गुजरात और राजस्थान में दर्ज प्राथमिकी परीक्षार्थी के स्थान पर किसी दूसरे व्यक्ति के परीक्षा देने और धोखाधड़ी से संबंधित हैं। 5 मई को देश की सबसे बड़ी प्रवेश परीक्षा नीट यूजी का आयोजन किया गया, जिसमें करीब 24 लाख छात्र शामिल हुए थे। परीक्षा आयोजित होने के बाद से ही इसका पेपर लीक होने के आरोप लगने शुरू हो गए। 6 मई को पेपर लीक की आशंका पर पटना पुलिस ने इस मामले में एक एफआईआर भी दर्ज की।

केंद्रीय एजसिें यों की सूचना पर पटना पुलिस ने शास्त्री नगर थाने में इसको लेकर एक प्राथमिकी भी दर्ज की। पेपर लीक की जांच का मामला 10 मई शुक्रवार को बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) को सौंप दिया गया। कार्यवाही में पटना पुलिस की ईओयू ईकाई ने 11 मई को चार परीक्षार्थियों और उनके परिवार के सदस्यों सहित 13 लोगों को गिरफ्तार किया। पटना हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई और मामला न्यायालय में पहुंचा। याचिका में परीक्षा को रद्द कर इसकी सीबीआई जांच कराने की गुहार लगाई गई। पेपर लीक के आरोपों पर सुप्रीम कोर्ट में भी एक याचिका दायर की गई। उम्मीदवारों के एक समूह ने नए सिरे से नीट-यूजी 2024 परीक्षा की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।