हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन शेयर बाजार में अमेरिकी महंगाई के आंकड़े जारी
होने के बाद बड़ी गिरावट दिखी। अमेरिका में जारी महंगाई के आंकड़े अनुमानों
से अधिक रहे हैं, जिससे निवेशकों में इस बात का संदेह बढ़ा है किफेड ब्याज
दरों में कटौती में देरी कर सकता है। इसके बाद भारतीय शेयर बाजार में
शुक्रवार को बड़ी बिकवाली देखी गई और सेंसेक्स 800 अंकों से अधिक यानी लगभग
एक प्रतिशत तक फिसल गया। निफ्टी भी शुक्रवार के कारोबारी सेशन के दौरान 22550
के स्तर के नीचे आ गया। शुक्रवार के कारोबारी सेशन के बाद 793.25 (1.05%)
अंकों की गिरावट के साथ 74,244.90 अंकों पर बंद हुआ।
वहीं दूसरी ओर, निफ्टी
234.40 (1.03%) अंक फिसलकर 22,519.40 के स्तर पर पहुंच गया। मॉरीशस से निवेश
करने वालों को अब और अधिक जांच का सामना करना पड़ सकता है। ऐसी खबरें सामने
आने के बाद विदेशी निवेशकों ने ब्लूचिप कंपनियों में बड़े पैमाने पर अपनी
हिस्सेदारी में बिकवाली की, जिससे बाजार और कमजोर पड़ गया। एशियाई बाजारों
में दिखा मिला-जुला रुख सेंसेक्स के 30 शेयरों में सन फार्मा, मारुति, पावर
ग्रिड, टाइटन, जेएसडब्ल्यू स्टील, टेक महिद्रा लार्सन एंड टुब्रो और
भारतीय स्टेट बैंक के शेयरों में गिरावट दिखी। वहीं, टाटा मोटर्स, टाटा
कंसल्टेंसी सर्विसेज और नेस्ले के शेयर लाभ में रहे। एशियाई बाजारों में
टोक्यो सकारात्मक दायरे में बंद हुआ जबकि सोल, शंघाई और हांगकांग नुकसान में
रहे।
अमेरिकी मुद्रास्फीति 0.4% मासिक आधार पर तक बढ़ गई, उम्मीदों को पार कर
गई और US ट्रेजरी प्रतिफल में वृद्धि हुई। निवेशक इस साल अमेरिकी फेडरल
रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती के अनुमान पर अब आशंका जाहिर कर रहे हैँ,
जिससे उभरते बाजारों का प्रदर्शन कमजोर हो गया है। इस बीच, यूरोपीय बाजारों
ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया क्योंकि ईसीबी ने नीतिगत दरों को बनाए रखा लेकिन
जल्द ही संभावित दर में कटौती का संकेत दिया। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के
शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘’अमेरिका में नीतिगत दर में कटौती की देरी,
पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ने से कच्चेतेल के दाम बढ़ने और चौथी तिमाही के आय
अनुमान कमजोर रहने से भारतीय बाजारों में कमजोरी आई।