वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और कर्नाटका के पूर्व CM, एसएम कृष्णा का निधन कर्नाटका के दिग्गज नेता की राजनीति में अनमोल विरासत

कर्नाटका के पूर्व मुख्यमंत्री और भारत के पूर्व विदेश मंत्री एसएम कृष्णा का निधन 91 वर्ष की आयु में हो गया। उनका राजनीतिक करियर अत्यंत प्रभावशाली था, जिसमें कर्नाटका के मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने राज्य के विकास के लिए कई अहम कदम उठाए। उनका कार्यकाल 'ब्रांड बेंगलुरु' के रूप में पहचान बनाने के लिए याद किया जाएगा, जब उन्होंने बेंगलुरु को एक प्रमुख आईटी हब के रूप में स्थापित किया। एसएम कृष्णा की कूटनीतिक नीतियों ने भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रभाव बढ़ाया। उनके निधन से भारतीय राजनीति में एक युग का अंत हुआ है, और उनकी विरासत हमेशा जीवित रहेगी।

भारत के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और कर्नाटका के पूर्व मुख्यमंत्री, एसएम कृष्णा का आज निधन हो गया। वह 91 वर्ष के थे और लंबे समय से राजनीति में सक्रिय थे। एसएम कृष्णा का योगदान न केवल राज्य के लिए, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में भी अहम रहा। उनका निधन भारतीय राजनीति के एक युग के समाप्त होने जैसा है।

राजनीतिक करियर:

एसएम कृष्णा का राजनीतिक करियर बेहद प्रभावशाली और विविधतापूर्ण था। उन्होंने कर्नाटका राज्य की राजनीति में अपनी एक अलग पहचान बनाई और राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर कर्नाटका के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे कर्नाटका के मुख्यमंत्री के रूप में 1999 से 2004 तक सेवा में रहे।

उन्होंने अपने कार्यकाल में राज्य के विकास के लिए कई योजनाओं और परियोजनाओं को लागू किया, जिनमें इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास, शिक्षा, और स्वास्थ्य क्षेत्र की मजबूती शामिल थी। कृष्णा जी का मानना था कि राज्य का विकास तभी संभव है जब वहाँ की प्रशासनिक संरचनाओं और जनकल्याण योजनाओं में सुधार हो।

इसके अलावा, 2009 में एसएम कृष्णा ने भारत के विदेश मंत्री के रूप में भी सेवा की। इस भूमिका में, उन्होंने भारतीय कूटनीति को नई दिशा दी और अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का प्रभाव बढ़ाया।

'ब्रांड बेंगलुरु':

एसएम कृष्णा के कार्यकाल में बेंगलुरु, कर्नाटका का सबसे बड़ा शहर, ‘ब्रांड बेंगलुरु’ के रूप में उभरकर सामने आया। यह शहर सूचना प्रौद्योगिकी (IT) के क्षेत्र में एक वैश्विक केंद्र के रूप में पहचान बनाने में सफल रहा। उनकी नीतियों और प्रयासों से बेंगलुरु को एक महत्वपूर्ण आईटी हब के तौर पर स्थापित किया गया, जो आज भी दुनिया भर में प्रसिद्ध है।

विरासत और सम्मान:

एसएम कृष्णा के निधन से भारतीय राजनीति में एक अपूरणीय रिक्तता पैदा हुई है। उनका जीवन संघर्ष और सेवा का प्रतीक था। वह एक समझदार, शांतिपूर्ण और समझौतावादी नेता के रूप में पहचाने जाते थे। उनके कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण कानून और सुधार लागू हुए, और उनकी कूटनीतिक नीतियों ने भारत की छवि को वैश्विक स्तर पर मजबूत किया।

उनके निधन से कर्नाटका और भारत की राजनीति में एक बड़ा शोक लहराया है। कर्नाटका के मुख्यमंत्री और कई प्रमुख नेताओं ने एसएम कृष्णा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है और उनकी सेवाओं को याद किया है।

एसएम कृष्णा की विरासत भारतीय राजनीति, कर्नाटका और 'ब्रांड बेंगलुरु' के रूप में हमेशा जिंदा रहेगी।