2024 के आम चुनाव के नतीजों के बीच शेयर बाजार में चार साल में एक दिन की
सबसे बड़ी गिरावट आई। घरेलू बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी मंगलवार को
लगभग 6 प्रतिशत तक गिर गए। चुनाव परिणामों और रुझानों से अब यह साफ हो गया है
कि सत्तारूढ़ भाजपा लोकसभा चुनावों में स्पष्ट बहुमत से दूर है। बंबई शेयर
बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 4,389.73 अंक या 5.74 प्रतिशत की गिरावट के
साथ दो महीने से अधिक के निचले स्तर 72,079.05 अंक पर बंद हुआ। दिन के कारोबार
में सेंसेक्स 6,234.35 अंक या 8.15 प्रतिशत के नुकसान के साथ पांच महीने के
निचले स्तर 70,234.43 अंक पर आ गया। 23 मार्च 2020 के बाद शेयर बाजार में
बड़ी गिरावट नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 1,982.45 अंक यानी 8.52
प्रतिशत गिरकर 21,281.45 अंक के निचले स्तर पर पहुंच गया। कारोबार के अंत में
यह 1,379.40 अंक या 5.93 प्रतिशत की भारी गिरावट के साथ 21,884.50 अंक पर बंद
हुआ।
सेंसेक्स और निफ्टी में इससे पहले 23 मार्च, 2020 को लगभग 13 प्रतिशत की
गिरावट दर्ज की गई, उस दिन कोविड-19 महामारी के कारण लॉकडाउन का एलान किया गया
था। पीएसयू, सार्वजनिक बैंकों, बिजली, उपभोक्ता वस्तुओं, ऊर्जा, तेल और गैस व
पूंजीगत वस्तुओं के शेयरों में भारी मुनाफावसूली के कारण शेयर बाजार ने
मंगलवार को गोता लगा दिया।
आम चुनाव के अप्रत्याशित परिणाम ने घरेलू बाजार में
डर की लहर पैदा कर दी, जिसने हाल ही में पर्याप्त रैली को उलट दिया। इसके
बावजूद, बाजार गठबंधन के भीतर स्थिरता की अपनी उम्मीद को बनाए रखे हुए हैं।
गठबंधन का नेतृत्व अब भी भाजपा के पास और पार्टी इस बार के आम चुनाव के नतीजों
में भी सबसे अधिक सीटों पर जीत के साथ देश की सबसे बड़ीपार्टी बनी हुई है।
जिससे मध्यम अवधि में बाजार में गिरावट में पर्याप्त की दिख सकती है। जियोजीत
फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, “इस तरह के नतीजों के
बाद सामाजिक अर्थव्यवस्था पर ध्यान केंद्रित करने के साथ सरकार की नीति में एक
बड़ा बदलाव होने की संभावना है, जिसका ग्रामीण अर्थव्यवस्थापर सकारात्मक
प्रभाव पड़ेगा।”