शेयर बाजार में गुरुवार को मई महीने की दूसरी बड़ी गिरावट देखने को मिली।
सेंसेक्स 1062 अंक गिरकर 72,404 पर बंद हुआ। इससे पहले 3 मई को 1139 पॉइंट्स
लुढ़का था। वहीं, निफ्टी में भी 345 अंक की गिरावट आई। निफ्टी 21,957 पर बंद
हुआ। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 25 में गिरावट और 5 में तेजी देखने को
मिली। बाजार की इस गिरावट में निवेशकों के 7.6 लाख करोड़ रुपए डूब गए। BSE
पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 400 लाख करोड़ रुपए से नीचे गिरकर 393.34
लाख करोड़ रुपए पर आ गया है।
बुधवार को इन कंपनियों का मार्केट कैप 400.97
लाख करोड़ रुपए था। ऑटो को छोड़कर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के सभी सेक्टर
में गिरावट दिखने को मिली। निफ्टी ऑटो में 0.78% की तेजी रही। जबकि ऑयल एंड
गैस सेक्टर में सबसे ज्यादा 3.15% की गिरावट रही। FMCG में 2.47%, रियल्टी
में 2.23% और मेटल में 2.87% की गिरावट रही। बाजार में गिरावट के 3 कारण
लोकसभा चुनाव: भारतीय शेयर बाजार को पहले ही मौजूदा लोकसभा चुनावों में
बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए की जीत का भरोसा है, इसलिए बाजार काफी ज्यादा
चढ़ चुका है। अब स्टॉक मार्केट ओवरबॉट स्थिति में हैं, इसलिए निवेशक समय से
पहले मुनाफावसूली कर रहे हैं।
FIIs की बिकवाली: विदेश निवेशक इस महीने भारी
बिकवाली कर रहे हैं। उन्होंने गुरुवार तक कैश सेगमेंट में ₹15,863 करोड़ के
शेयर बेचे हैं, जबकि फ्यूचर एंड ऑप्शन (एफएंडओ) सगमेंट में एफआईआई न ₹5,292
के श इससे मार्केट पर दबाव बढ़ा है। इंडेक्स हैवीवेट में
बिकवाली: HDFC बैंक और लार्सन एंड टुब्रो मार्केट क्रैश में टॉप
कॉन्ट्रीब्यूटर है। 2024 की चौथी तिमाही के खराब नतीजों के कारण एलएंडटी लगभग
6% गिर गया। वहीं HDFC बैंक 2% से ज्यादा की गिरावट आई। रिलायंस ने भी बाजार
पर दबाव बढ़ाया।